Electrical House wiring estimation

घरेलु वायरिंग का एस्टिमेशन तथा कॉस्टिंग :- घरेलु वायरिंग के लिए डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड , बोर्ड, सॉकेट, प्लग, फैन, बल्ब तथा कंडयुट का हिसाब-किताब बनाया जाता है। इसके लिए सबसे पहले लोड कैलकुलेशन किया जाता है। फिर लोड को बांटा जाता है उसके उपरांत बोर्ड का संख्या तथा तारो की लम्बाई निकालते है। तारो को कमरे तक ले जाने के लिए कंडयुट चुनते है।   

Electrical and electronics tools and their use

आजकल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का जमाना है जिसमे बिजली और ऊर्जा को बचाने हेतु निरंतर नई नई तकनीकों की खोज होती जा रही है। अतः किसी भी उपकरण के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए साथ मे उनपर काम करते वक़्त सही जानकारी एवं उनको मरमत करने में हेल्प में आने वाले उपकरण की जानकारी भी रखनी जरूरी होती है।

छोटे स्तर पर तो हम वोल्टमीटर , एम्पियरमीटर, या मल्टीमीटर द्वारा समस्या की जड़ को ढूंढ सकते है लेकिन जहा समस्या बड़ी हो वहाँ कुछ बड़े और सटीक उपकरणों की आवश्यकता होती है।

Multi-meter, continuity tester, meggar

मल्टीमीटर :

मल्टीमीटर एक इलेक्ट्रीकल मापन यंत्र है जो किसी परिपथ की धारा , प्रतिरोध, वोल्टेज , संधारित्रता तथा कंटीन्युटी को मापने के काम आता है। यह एनालॉग तथा डिजिटल मीटर  के रूप में आता है। इसकी सहायता से इलेक्ट्रीकल तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अंदर लगे किसी विद्युत् डिवाइस जैसे :-प्रतिरोध, कपैसिटर तथा इंडक्टर आदि के ख़राब होने के कारण पैदा फाल्ट को पकड़ा जा सकता है। 
मल्टीमीटर द्वारा किसी यंत्र की गड़बड़ी का पता आसानी से लगाया जा सकता है इसके ऊपर वोल्टेज, धारा, प्रतिरोध, सतता, कैपसिटेंस तथा ट्रांजिस्टर को नापने हेतु अलग-अलग सांकेतिक चिन्ह बनाये गए होते है जिसे देखकर आप आसानी से उस राशि को पहचान सकते है
इस उपकरण के बॉटम साइड में तीन छिद्र दिए होते है जिसके ऊपर वोल्टेज, धारा तथा कॉमन लिखा होता है मल्टीमीटर के साथ दो लीड भी आते है जो लाल और काले रंग के होते है काला रंग वाला लीड कॉमन वाले छिद्र में लगाया या प्लग इन किया जाता है तथा लाल लीड वोल्टेज या धारा नापने वाले छिद्र में प्लग इन किया जाता है
मल्टीमीटर में इक्षित राशि नापने हेतु इसके रोटरी स्विच को उस राशि पर सेलेक्ट किया जाता है फिर मल्टीमीटर के लीड को उपकरण या यंत्र के कंपोनेंट्स पर लगा कर उसकी वैल्यू या वर्किंग स्थिति ज्ञात की जाती है

Electronics

It is a branch of engineering which deals with semiconductors and low voltage circuits. Electronics deals with flow of electrons through various mediums and their property change with electricity. Electronics deals with low voltage active and passive circuits.

Electronics
Electronics
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की एक ब्रांच है जिसमे सेमीकंडक्टर और लो वोल्टेज सर्किट का अध्यन किया जाता है | इलेक्ट्रॉनिक्स में  पदार्थो में इलेक्ट्रान फ्लो के कारण उनके गुड़धर्म  आये बदलावों के साथ कार्य करते है | इलेक्ट्रॉनिक्स में एक्टिव और पैसिव सर्किट्स के बारे में अध्यन करते है | इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग आजकल हर डिवाइस में किया जा रहा है। 

इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग जीवन को आरामदायक और सुविधाओं से सुसज्जित करने के लिए बहुतायत रूप से किया जा रहा है।

सेमीकंडक्टर (Semiconductor): सेमीकंडक्टर एक पदार्थ होता है जो कंडक्टर और इंसुलेटर के बीच मे आता है। यानी इसमे इलेक्ट्रान की संख्या कंडक्टर से कम लेकिन इंसुलेटर से ज्यादा होती है।

Electrical Motor

इलेक्ट्रीकल मोटर एक इलेक्ट्रीकल मशीन है जो इलेक्ट्रीकल ऊर्जा को मेकैनिकल ऊर्जा में बदलती है। इलेक्ट्रीकल मोटर में जब इलेक्ट्रीकल सप्लाई देते है तो वह उस इलेक्ट्रीकल ऊर्जा को घुर्णन बल जिसे मेकैनिकल ऊर्जा भी कहते है में बदल देता है।
इलेक्ट्रीकल मोटर के मुख्यतः दो भाग होते है:-
1. स्टेटर  और  2.  रोटर
motor
electrical motor

stator
स्टेटर