यहाँ पर हम साधारण भाषा मे इलेक्ट्रिसिटी के बारे में अध्ययन करेंगे और आसानी से इसके उपयोग पर प्रैक्टिकल रूप में प्रकाश डालेंगे। जब कभी हमारे दिमाग मे विद्युत की बात आती है तब हमारे मन में विद्युत चमक और उससे जुड़े खतरों जैसे कि विद्युत आघात जैसी बातें आती है। क्या होती है यह इलेक्ट्रिसिटी? कैसे इसकी खोज हुई? यह सब बातें हमारे मन मे सवाल पैदा कर देती है। तो चलिए जान लेते है कैसे इस नायाब चीज़ की खोज हुई।
इलेक्ट्रिसिटी की खोज
इलेक्ट्रिसिटी की खोज के बारे में कई कहानियां मौजूद है जिसमे यह कहा जाता है कि इस प्राकृतिक घटना को कुछ लोगो ने अनुभव किया जैसे करीब 600BC के आसपास ग्रीको ने पाया कि जब बिल्ली के फर को अम्बर पर रगड़ा जाता है तो दोनों एक दूसरे को आकर्षित करते है। जिसे हम स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी के नाम से जानते है।
एक और कहानी है जिसमे एक वैज्ञानिक बैंजामिन फ्रैंकलिन ने आकाशीय तड़िक में उत्पन्न विद्युत को जानने के लिए एक पतंग जिसके एक तरफ धातु की चाबी बंधी थी और दूसरी तरफ पतंग थी । उन्होंने धागे के सूखे भाग को अपनी तरफ रखा और गीले भाग को पतंग की तरफ और पाया कि आकाशीय तड़िक में वही आकर्षित करने वाला गुड़ है। साथ ही चाबी के आसपास हाथ ले जाने से उत्त्पन्न चमक को पहली बार अनुभव किया गया।
एक और कहानी है जिसमे एक वैज्ञानिक बैंजामिन फ्रैंकलिन ने आकाशीय तड़िक में उत्पन्न विद्युत को जानने के लिए एक पतंग जिसके एक तरफ धातु की चाबी बंधी थी और दूसरी तरफ पतंग थी । उन्होंने धागे के सूखे भाग को अपनी तरफ रखा और गीले भाग को पतंग की तरफ और पाया कि आकाशीय तड़िक में वही आकर्षित करने वाला गुड़ है। साथ ही चाबी के आसपास हाथ ले जाने से उत्त्पन्न चमक को पहली बार अनुभव किया गया।
ऐसे ही प्राचीन काल मे लोगो को इलेक्ट्रिक ईल से लगने वाले विद्युत आघात के बारे में भी पता था। इस प्रकार इलेक्ट्रिसिटी की जानकारी धीरे-धीरे आगे बढ़ती गयी। कुछ वैज्ञानिकों ने इस प्राकृतिक घटना के ऊपर आगे अध्ययन किया और आज जिस रूप में हम विद्युत उपयोग कर रहे है उस रूप में इलेक्ट्रिसिटी को उपलब्ध कराया।
तो अब जान लेते है कि इलेक्ट्रिसिटी क्या है?
इलेक्ट्रिसिटी चार्ज के कारण उत्पन्न होती है। जहाँ भी पॉजिटिव व निगेटिव चार्ज होगा वहाँ इलेक्ट्रिक फील्ड बन जाता है।