Showing posts with label Resistance. Show all posts
Showing posts with label Resistance. Show all posts

Resistance

It is not easy to break bonding of electrons and protons by excited charge. This opposition to flow of charge i.e. electrons due to bonding between protons and electrons is called a electrical resistance. It may also be defined as the property of the electric circuit which opposes the flow of current. Unit of electrical resistance is ohm (Ω).
उत्तेजित चार्ज के द्वारा प्रोटोन और इलेक्ट्रान की बॉन्डिंग को तोड़ना आसान नही होता है। इस इलेक्ट्रॉन के प्रवाह में आये अवरोध जो कि प्रोटोन और इलेक्ट्रॉन के बॉन्डिंग के कारण पैदा होती है को इलेक्ट्रीकल प्रतिरोध कहते है। 


Resistance
Resistance and charge flow
As you can see the flow of charge (current) through a conductor is restricted by electronically bounded electrons. Charged particles move in a direction. To move conductors particles or electrons in a direction , the charged particles which are trying to flow through that conductor have to push conductors electrons. This opposition of flow is known as resistance of that conductor.
जैसा कि आप देख सकते है किसी चालक में चार्ज के प्रवाह  (Current) का विरोध उस चालक के इलेक्ट्रानिकली बंध वाले इलेक्ट्रॉन द्वारा किया जाता है। चार्ज कण एक दिशा में प्रवाहित होते है। किसी चालक के कणो को एक दिशा में गति देने के लिए चार्ज कण जो उस चालक में प्रवाहित होने की कोशिश करते है ,को उन इलेक्ट्रानिकली बंध वाले इलेक्ट्रान को धक्का देकर उनको उनकी ऑर्बिट से बाहर निकल कर अपनी दिशा में प्रवाहित करना पड़ता है। इस प्रवाह के विरोध या अवरोध को ही उस चालक का प्रतिरोध कहते है।
Resistance = opposite of current flow. 

Circuit symbol

Resistance
Resistance
Resistance
Resistor


As charged particles push electronically bounded electrons inside conductor this collision produces heat. therefore when current flows through a conductor it produces heat due to the resistance of that conductor.
चार्ज पार्टिकल किसी चालक में प्रवाहित होने पर इलेक्ट्रानिकली जुड़े इलेक्ट्रान को धक्का देते है यह टकराव उस चालक में ऊष्मा पैदा करती है | इसलिए चालक में धारा प्रवाहित होने पर ऊष्मा पैदा करती है यह उस चालक के रजिस्टेन्स के कारण होता है | 

  •  1 kilo-ohm = 1000 ohm 
  • 1 Mega-ohm = 1000000 ohm
  • 1 milli-ohm = 1/1000 ohm
Laws of Resistance (प्रतिरोध के नियम):

Resistance of a conductor depends on the following factors (चालक का प्रतिरोध निम्लिखित घटको पर निर्भर करता है):-
  1. Length (l) of the material. resistance is directly proportional to length (पदार्थ या चालक का प्रतिरोध उस पदार्थ के लंबाई के सीधे अनुपात में होता है |). 
  2. Cross-Section (A). resistance is inversely proportional to cross-section of the material (पदार्थ का प्रतिरोध उसके क्रॉस-सेक्शन के विलोमानुपातिक होता है).
  3. Nature or specific resistance or resistivity of the material(प्रतिरोध पदार्थ के प्रकृति या रेसिस्टिविटी पर निर्भर करता है).
  4. Temperature of the material(पदार्थ के तापमान का सीधा असर पदार्थ के प्रतिरोध पर पड़ता है).
Now formula of resistance is given as(इसे सूत्र रूप में निम्वत दर्शा सकते है):
                       R  =  p(l/A) ohm
where p = resistivity in ohm-meter(जहा P रजिस्टविटी है ओम-मीटर में).
l = length of the material in meter and
A = cross-sectional area of the material in square metre(l पदार्थ की लंबाई है मीटर में और A पदार्थ का क्रॉस-सेक्शन है वर्ग मीटर में).

We can undersatnd above rule by following example(उपरोक्त नियम को हम निम्न उदाहरण से समझ सकते है): 
if we have to pass a narrow street which is fully crowded then we have to face more resistance. And if we increase its length then we have to face more resistance until we reach last point of the street. Similarly if we increase width of that street means cross-section then we will face less resistance(अगर हमे एक तंग गली जो की भीड़ से भरी हुई हो से गुजरना पड़े तो हमे ज्यादा प्रतिरोध या हमारी गति का विरोध झेलना पड़ता है और यही गली लंबी हो जाए तो और ज्यादा रजिस्टेन्स झेलना पड़ता है | अब अगर उसकी चौड़ाई बढ़ जाए तब हमे उसी गली से गुजरने में कम प्रतिरोध मिलेगा |). 



Temperature Co-efficient of resistance (प्रतिरोध का तापमान गुणाक).:
The change in resistance per ohm for change in temperature of 1 degree celsius from 0 degree celsius is known as temperature co-efficient of resistance(0 डिग्री से 1 तापमान परिवर्तन पर प्रतिरोध में प्रति ओम आये बदलाव को प्रतिरोध का तापमान गुणाक कहते है|) .
 if resistance at 0 degree is R० and resistance at t degree is Rt then temperature coefficient will be:


      Rt =  R० ( 1 + ∝t ) and for large temperature range Rt = R० ( 1 + ∝t + βt ).

Ohm's Law(ओम का नियम): For a fixed metal conductor, the temperature and other conditions remaining constant the current flowing through that conductor is propotional to the potential difference across that conductor( किसी स्थिर चालक, जिसका तापमान और अन्य स्थिति को स्थिर रकह गया हो, में बहने वाली धारा उस चालक के दोनो सिरो के विभवांतर के अनुपातिक होती है|).

 means  I ∝ V  or V = RI  or V = IR where R is the constant which is known as resistance of that material अर्थात धारा ∝ विभवांतर अथवा V = R I या V = IR जहा R एक स्थिर राशि है जिसे हम उस पदार्थ का प्रतिरोध भी कहते है|).

Formula        V   =  I R    Volt


ओम का नियम: 
वैज्ञानिक ओम ने रेजिस्टेंस पर शोध करते हुवे किसी रेजिस्टेंस से गुजरने वाली धारा और उसके सिरो पर विभवांतर के बीच एक संबद्ध निकाला जिसे ओम का नियम कहते है।
इसके अनुसार:

किसी चालक से प्रवाहित होने वाली धारा उसके सिरो पर विभवांतर के समानुपाती होती है अर्थात
I ∝ V अथवा V  I
या  V = IR 
जहा R एक समानुपाती नियतांक है जिसे प्रतिरोध भी कहते है। यही ओम का नियम है।