Electromotive Force

Electromotive force (EMF)

विद्युत वाहक बल
विद्युत क्षेत्र में आवेश पाया जाता है। धनात्मक और ऋणात्मक आवेश हमेशा एक दूसरे के पास आकर इलेक्ट्रीकल न्यूट्रलिटी अवस्था प्राप्त करने की कोशिश करते रहते है। जैसा कि पहले बताया गया है कि असमान आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते है और समान आवेश एक दूसरे को विकर्षित करते है यह आकर्षक या विकर्षण एक बल पैदा करता है जो एटम्स के बीच मे आवेश के प्रवाह में मदद करता है। जब कणो  पर बाह्य ऊर्जा प्रदान की जाती है तो वे कण आवेशित हो जाते है और वे विद्युत् वाहक बल के प्रभाव में आ जाते है। इस विघुत वाहक बल के कारण कण चालक के अंदर गतिशील हो जाते है। इस बल को ही विद्युत् वाहक बल कहते है। अतः विद्युत् वाहक बल वह बल है जो किसी चालक में धारा प्रवाह का कारण  बनता है। 
नीचे  के चित्र में एक विद्युत् ऊर्जा स्त्रोत के रूप में बैटरी दिखाई गयी है जिसके धनात्मक व ऋणात्मक सिरों से एक परिपथ जुड़ा है यह बैटरी परिपथ पर विद्युत् वाहक बल लगाता  है जिसके कारण बैटरी के ऋणात्मक सिरे से इलेक्ट्रान निकलकर परिपथ से होते हुवे बैटरी के धनात्मक सिरे पर जा मिलते है और इलेक्ट्रीकल उदाशीनता प्राप्त करते है।  इस प्रकार धारा का प्रवाह परिपथ में उच्च विभव यानी धनात्मक सिरे से निम्न विभव यानी ऋणात्मक सिरे की ओर लगता  है।  
जब हम किसी प्रकार की ऊर्जा को विद्युत् वाहक बल में परिवर्तित करते है तब एक इलेक्ट्रीकल क्षेत्र उत्पन्न होता है। उदाहरण के लिए : रासायनिक ऊर्जा बैटरी द्वारा विद्युत् ऊर्जा में, जनरेटर और टरबाइन द्वारा यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तन। 
 Charge exists in electrical field. Positive and negative charges always try to come closer to maintain electrical neutrality. As stated earlier unlike charges attract each other and like charges repel each other this generates attraction/ repulsion force which moves charge particles between atoms. When external energy is applied to particles, they get charged and they  experience electromotive force. Particles start moving inside conductor due to this electromotive force or energy per unit charge. This force is known as electromotive force. Therefore Electromotive force is the force that causes a current of electricity to flow. In this figure source of EMF, is applying electrical pressure on circuit and due to this pressure electrons move towards positive point to get electrical neutrality. Flow of current is shown in reverse of electron flow which is conventional path of current. When we convert any kind of energy in EMF, an electrical field is established.
For example chemical energy (Battery) into electrical energy, Mechanical energy into electrical energy using generator and turbines or mechanical engine.

Potential, Potential different and Voltage

Potential and potential difference:

Potential is the amount of work needed to move a unit positive charge from one point to another point inside the electrical field. Potential difference is the electrical pressure difference between higher potential and lower potential. This electrical pressure difference is required to drive the current between two points in a circuit. Its unit is volt.

विभव और विभवांतर :-विभव वह कार्य की मात्रा है जो विद्युत् क्षेत्र में एक इकाई धनात्मक आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में उपयोग किया जाता है। 
विभवांतर, उच्च विभव एक निम्न विभव के बीच का विद्युत् दबाव का अंतर होता है।  यह विद्युत् दबाव का अंतर या विभवांतर किसी परिपथ के दो बिन्दुओ के बीच धारा प्रवाहित करने के लिए आवश्यक होता है। इसका मात्रक या इकाई वोल्ट होता है। 


Potential, Potential different and Voltage




Potential, Potential different and Voltage


In above pictures we can see two potentials i.e. higher and lower potential. The pressure difference between higher potential and lower potential is responsible for fluid flow from higher pressure to lower pressure. In same way current flows from higher potential to lower potential between two points in a circuit.

उपरोक्त चित्र में हम दो विभव उच्च विभव एवं निम्न विभव देख सकते है। उच्च विभव एवं निम्न विभव के बिच का विभवांतर द्रव को उच्च दबाव वाले पात्र से निम्न दबाव वाले पात्र की ओर बहने के लिए जिम्मेदार होता है। इसी प्रकार धारा उच्च विभव से निम्न विभव पर दो बिन्दुओ के बीच प्रवाहित होती है। निचे विभव को उदाहरण से समझाया गया है :-

विद्युत विभव:-

जब किसी ऊर्जा को किसी सुचालक में प्रवाहित करते है तो उसमें उस ऊर्जा के कारण चार्ज पैदा हो जाता है और जो आवेश पैदा होता है उसे दूसरे पार्टिकल को ट्रांसफर करने में उस आवेश द्वारा कुछ कार्य किया जाता है। इस प्रकार वह ऊर्जा से आवेशित पार्टिकल पर विभव आ जाता है। इसे ऐसे समझ सकते है कि किसी इकाई धनावेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में किये गए कार्य को उस बिंदु का विभव कहते है। 

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We can calculate Voltage : 
As we know potential is the energy (joule) of per unit charge (coulomb) and it can be expressed by: 
                                V=Joule / coulomb     


विभव = स्थानांतरित या उपयोगित ऊर्जा में किया गया कार्य  / आवेश
= जूल/कूलम्ब       (इसकी इकाई वोल्ट होती

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