Electrical measuring instruments

इलेक्ट्रीकल मापन यंत्र द्वारा इलेक्ट्रीकल राशियों जैसे:- विद्युत धारा, वोल्टेज, विद्युत शक्ति, प्रतिरोध, संधारित्रा, इन्डक्तटेंस आदि को मापा जाता है।

किसी भी परिपथ, घरेलू तथा औद्योगिक उपकरण को ठीक प्रकार से कार्य करने के लिए उचित मात्रा में विद्युत धारा, वोल्टेज और विद्युत शक्ति की आवश्यकता होती है। यदि हमे उस परिपथ या घरेलू तथा औद्योगिक उपकरण की विद्युत ऊर्जा खपत और विद्युत राशियों का उचित सप्लाई के बारे में जानकारी न हो तो वह उपकरण या परिपथ सही ढंग से कार्य नही कर पायेगा। 
उदाहरण के लिए जैसे आपको ज्ञात न हो कि 50KM की यात्रा को पूरा करने के लिए आपके वाहन को कितनी फ्यूल की आवश्यकता होगी तो आप या तो जरूरत से कम या ज्यादा फ्यूल भरवा लेंगे और फलस्वरूप आपकी यात्रा 50 KM तक पूरी हो भी सकेगी और नही भी।
इसलिए किसी भी साधन को कोई कार्य करने में कितनी मात्रा में ऊर्जा की जरूरत पड़ती है इसकी जानकारी और आकलन लगाना नितांत आवश्यक होता हैं।

जिस प्रकार किसी साधन को कोई कार्य करने के लिए ऊर्जा के रूप में फ्यूल की जरूरत होती है ठीक उसी प्रकार किसी विद्युत उपकरण को ठीक प्रकार से कार्य करने के लिए विद्युत ऊर्जा के रूप में धारा, वोल्टेज और विद्युत शक्ति की जरूरत होती है।

विद्युत धारा, वोल्टेज, विद्युत शक्ति, प्रतिरोध, कपैसिटेंस, इन्डक्टेंस, इम्पीडेंस इत्यादि को मापने के लिए प्रयोग किये जाने वाले उपकरण:

1.  एम्मीटर
2.  वोल्टमीटर
3.  पावर मीटर या वाट मीटर
4.  एनर्जी मीटर
5.  पावर फैक्टर मीटर
6.  फ्रीक्वेंसी मीटर
7.  ओम मीटर
8.  कैप्सिटेन्स मीटर
9.  आसलिस्कोप
10. मल्टी मीटर
11. क्लैंप मीटर
12. मेगर या इंसुलेशन टेस्टर
इत्यादि।

एमीटर(Ammeter):-
यह मापन उपकरण किसी परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए प्रयोग किया जाता है। जैसा कि हम जानते है विद्युत धारा को एम्पियर मात्रक में मापा जाता है इसलिए इस उपकरण को एम्मीटर कहते है और इसके द्वारा मापी गयी धारा को हम एम्पियर में दर्शाते हैं। 
विद्युत धारा की माप माइक्रो तथा मिली एम्पियर से लेकर किलो एम्पियर तक होती है। इस उपकरण पर A या Amps लिखा होता है जो धारा की मात्रक को दर्शाता है।
एम्मीटर एनालॉग और डिजिटल दोनो प्रकार के होते है। पुराने समय मे एनालॉग उपकरण द्वारा ही धारा को मापते थे जो कि मूविंग कॉइल, मूविंग मैगनेट, मूविंग आयरन इत्यादि तकनीक पर कार्य करते थे। इनके कार्य करने का सिद्धांत यह है कि जब कभी किसी कॉइल या चालक में धारा प्रवाहित होती है तो उसमें एक विद्युत क्षेत्र पैदा होता है । इस उपकरण में फिक्स्ड मैगनेट के बीच मे एक मूविंग कॉइल होती है जिससे इस उपकरण का इंडिकेटर जुड़ा होता है ।

Moving coil Ammeter
मूविंग कॉइल उपकरण

जब मूविंग कॉइल में कोई धारा प्रवाहित होती है तो उसमें भी मैग्नेटिक क्षेत्र पैदा होता है जो अपने चारों तरफ के फिक्स्ड मैगनेट के क्षेत्र से डिफ्लेक्ट होता है और वह डिफ्लेक्शन रीडिंग के रूप में मूविंग कॉइल से जुड़े इंडिकेटर द्वारा प्राप्त होती है।
ammeter circuit
एमीटर का उपयोग परिपथ के सीरीज में किया जाता है ताकि परिपथ से गुजरने वाली धारा को मापा जा सके। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है बैटरी से निकलकर धारा परिपथ से होती हुई अमीटर में जाती है और फिर उससे निकालकर लोड जो कि एक बल्ब है में जाती है इस प्रकार बल्ब द्वारा खपत की गई धारा का मान एमीटर पड़ता है।
एनालॉग एमीटर निम्नवत है:-
एमीटर

एमीटर सिंगल फेज, थ्री फेज और एसी तथा डीसी टाइप में आते है। एमीटर डिजिटल भी आ रहे है जिसमे यह सारे ऑप्शन एक साथ इनबिल्ट होते है। डिजिटल एमीटर निम्वत है:-
Digital Ammeter
डिजिटल एमीटर द्वारा हम आसानी से धारा की माप पढ़ सकते है।

वोल्टमीटर(Voltmeter):-
वोल्टमीटर दो शब्दों से बना है वोल्ट और मीटर जिसमे वोल्ट मात्रक है और मीटर मापने वाला यंत्र है। इस प्रकार यह यंत्र वोल्टेज मापता है। वोल्टमीटर डिजिटल एवम अनोलॉग दोनो प्रकार में उपलब्ध है।
Voltmeter
Voltmeter
वोल्टमीटर किसी परिपथ या लोड के सिरो के बीच के विभवांतर को मापने के कार्य करता है। यह हमें बताता है कि किसी परिपथ या उपकरण को कार्य करने के लिए आवश्यक धारा को उस परिपथ या उपकरण में प्रवाहित करने के लिए उसके सिरो पर कितना इलेक्ट्रीकल दबाव लगाया जा रहा है जिसे हम वोल्टेज में मापते है। इस प्रकार वोल्टमीटर का प्रयोग दो बिन्दुओ के विभवांतर को नापने के लिए किया जाता है तथा इसे परिपथ या उपकरण के सिरो के पैरेलल में लगाया जाता है। जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है।
Voltmeter
Voltmeter

No comments:

Post a Comment